प्रदेश में घोटालों का IFMS 3.0, विरोध में उतरा अकाउंट्स एसोसिएशन, आज सौंपेगा ज्ञापन
राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए सैलरी नए सिस्टम IFMS 3.0 से करने के आदेश निकाले गए हैं, लेकिन आदेश निकलने के साथ ही इसका भारी विरोध भी शुरू हो गया। वजह एक नहीं कई है, यही नहीं बीजेपी जब विपक्ष में थी, तब टेंडरों की गड़बड़ी की जांच करवाने की मांग पुरजोर तरीके से उसने विधानसभा में उठाई थी।
जिस IFMS 3.0 प्रोजेक्ट में टेंडरों को लेकर पहले ही भारी गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं, अब उसे लागू करवाने की जल्दबाजी ने कर्मचारियों के कान खड़े कर दिए हैं। राजस्थान के कई बड़े कर्मचारी संगठन और फाइनेंस को चलाने वाली अकाउंट्स एसोसिएशन ही इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े कर इसके विरोध में आ गए हैं। यही नहीं विपक्ष में रहे हुए मौजूदा उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, पूर्व विधायक अशोक लाहौटी, राजेंद्र राठौड़ समेत कई नेताओं ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार से इस प्रोजेक्ट की जांच करवाने की मांग की थी। राजस्थान अकाउंट्स एसोसिएशन इसके विरोध में आज सरकार को ज्ञापन भी देने जा रहे है।
बिना बिल चेक करे ही भुगतान, अब तक 500 करोड़ के डबल पेमेंट
पुराने सिस्टम की ट्रेनिंग सबके पास है और वह 12 साल से चल भी रहा है। केंद्र सरकार भी उसी सिस्टम पर काम कर रही है। लेकिन सिर्फ टेंडर्स के खेल के चलते इस टेक्नोलॉजी को बदला जा रहा है। जिसमें पहले भी कई बार गलत भुगतान हो चुके हैं और सिस्टम की खामी का नुकसान कर्मचारियों को उठाना पड़ा। पिछले साल अप्रेल में इसे ट्रायल रन के रूप् में चलाया गया तो 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के डबल पेमेंट हो गए जिसमें से बहुत बड़ा अमाउंट आज तक रिकवर नहीं हो पाया है।
सिर्फ वेतन के आदेश तो बाकी बिलों का क्या होगा
सरकार के भुगतान सिस्टम से जुड़े ट्रेजरी अफसरों से जब अमर उजाला ने IFMS 3.0 को लेकर बातचीत की तो उन्होंने एक के बाद एक दर्जनों खामियां इसमें गिनवा दी। यदि यह सिस्टम डॉट नेट टेक्नोलॉजी पर ही अपग्रेड हो जाता तो डेटा माइग्रेशन की नोबत नहीं आती। सरकारी कर्मचारियों के लिए सैलरी 3.0 से करने के आदेश निकाले गए हैं, जबकि एम्प्लॉय से जुड़े बाकी के बिल जैसे बोनस डीए, सरेंडर लीव, रिटायर होने के बाद लीव एनकेशमेंट , टीए आदि बिल्स कहां बनेंगे इसे लेकर भी संशय बना हुआ है।
सरकार के भुगतान सिस्टम से जुड़े ट्रेजरी अफसरों से जब अमर उजाला ने IFMS 3.0 को लेकर बातचीत की तो उन्होंने एक के बाद एक दर्जनों खामियां इसमें गिनवा दी। यदि यह सिस्टम डॉट नेट टेक्नोलॉजी पर ही अपग्रेड हो जाता तो डेटा माइग्रेशन की नोबत नहीं आती। सरकारी कर्मचारियों के लिए सैलरी 3.0 से करने के आदेश निकाले गए हैं, जबकि एम्प्लॉय से जुड़े बाकी के बिल जैसे बोनस डीए, सरेंडर लीव, रिटायर होने के बाद लीव एनकेशमेंट , टीए आदि बिल्स कहां बनेंगे इसे लेकर भी संशय बना हुआ है।
दीया कुमारी ने किया था ट्वीट
सोशल मीडिया पर डिप्टी सीएम दीया कुमारी का पोस्ट पिछली कांग्रेस सरकार के समय का है। इस पोस्ट में इन्होंने लिखा था कि पहले स्थानीय स्तर पर ट्रेजरी को बंद करने का प्रस्ताव दिया गया और अब सीएजी ने आईएफएमएस के नये सॉफ्टवेयर पर सवाल उठाये है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गुल-गुलशन-गुलफाम की जादुई तस्वीर का डिजाइन बॉक्स पेश कर रही है, वहीं सच्चाई ये है कि राज्य आर्थिक स्थिति का भट्टा बैठा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि सरकार आने वाले विधानसभा सत्र में राज्य की आर्थिक स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी करे, जिससे जनता को घोषणाओं की हकीकत और बजट की बंदरबांट का पता लग सके
डाटा ट्रांसफर में भी बहुत समस्याएं
वहीं, इसको लेकर राजस्थान पेंशनर समाज के अध्यक्ष किशन शर्मा ने कहा कि इस सिस्टम की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें ट्रेजरीज के पास कोई अधिकार ही नहीं है। यहां तक की डायरेक्टर पेंशन के पास भी हम जाते हैं तो वह डीओआईटी को ही मेल करता है। इसके अलावा डाटा ट्रांसफर में भी बहुत समस्याएं हैं।
बड़े स्तर पर डाटा ट्रांसफर करवा रहे
वहीं, राजस्थान अकाउंट्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष मनीष मेघवाल ने कहा कि हमें इसकी कोई ट्रेनिंग नहीं मिली है। इतने बड़े स्तर पर डाटा ट्रांसफर करवा रहे हैं इसमें कितनी रिस्क है। हम इसके विरोध में आज सरकार को एक ज्ञापन देने जा रहे हैं। इसके साथ ही मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा कि बिना प्रशिक्षण दिए अधूरा काम कर रहे हैं। इसकी वजह से गलत भुगतान हुए तो जिम्मेदारी कर्मचारी की नहीं होगी।
वहीं, इसको लेकर राजस्थान पेंशनर समाज के अध्यक्ष किशन शर्मा ने कहा कि इस सिस्टम की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें ट्रेजरीज के पास कोई अधिकार ही नहीं है। यहां तक की डायरेक्टर पेंशन के पास भी हम जाते हैं तो वह डीओआईटी को ही मेल करता है। इसके अलावा डाटा ट्रांसफर में भी बहुत समस्याएं हैं।
बड़े स्तर पर डाटा ट्रांसफर करवा रहे
वहीं, राजस्थान अकाउंट्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष मनीष मेघवाल ने कहा कि हमें इसकी कोई ट्रेनिंग नहीं मिली है। इतने बड़े स्तर पर डाटा ट्रांसफर करवा रहे हैं इसमें कितनी रिस्क है। हम इसके विरोध में आज सरकार को एक ज्ञापन देने जा रहे हैं। इसके साथ ही मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा कि बिना प्रशिक्षण दिए अधूरा काम कर रहे हैं। इसकी वजह से गलत भुगतान हुए तो जिम्मेदारी कर्मचारी की नहीं होगी।