Child Care Leave | CCL Rule In Rajasthan चाइल्ड केयर लीव | राजस्थान में सीसीएल नियम
राजस्थान सरकार के बाल देखभाल अवकाश नियम: वित्त विभाग (नियम प्रभाग), राजस्थान सरकार (चतुर्थ संशोधन) नियम 2018 नियम 103सी (बाल देखभाल अवकाश) संख्या एफ. 1(6)एफडी/नियम/2011 जयपुर, दिनांक: 22 मई 2018 अधिसूचनापहले दो जीवित बच्चों की देखभाल (पालन-पोषण या परीक्षा, बीमारी आदि की स्थिति में) के लिए महिला कर्मचारी बाल देखभाल अवकाश स्वीकृत कर सकेगी। पूरे सेवाकाल के दौरान Child Care Leave अधिकतम 2 वर्ष यानी 730 दिन।
The child means बच्चे का अर्थ है –
- अठारह वर्ष से कम आयु का बच्चा।
- बाईस वर्ष तक की आयु का बच्चा जिसकी न्यूनतम विकलांगता चालीस प्रतिशत हो।
इस नियम के अन्तर्गत बाल देखभाल अवकाश की स्वीकृति निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी, अर्थात्:-
- बाल देखभाल अवकाश के दौरान महिला कर्मचारी अवकाश छोड़ने से पूर्व प्राप्त वेतन के समान ही अवकाश वेतन की हकदार होंगी।
- इस अवकाश को किसी अन्य देय अवकाश के साथ संयोजित किया जा सकता है।
- राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में अवकाश स्वीकृति के लिए आवेदन को स्वीकृति के लिए सक्षम प्राधिकारी को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
- इस अवकाश का अधिकारपूर्वक दावा नहीं किया जा सकता है। किसी भी परिस्थिति में कोई भी महिला सरकारी कर्मचारी अवकाश स्वीकृत करने वाले अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के बिना बाल देखभाल अवकाश पर नहीं जा सकती है।
- बाल देखभाल ड्यूटी से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के पश्चात आवेदन करना किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं होगा।
- महिला कार्मिक द्वारा उपभोग की जा रही या ली जा रही छुट्टियों को किसी भी परिस्थिति में बाल देखभाल अवकाश में परिवर्तित नहीं किया जाएगा।
- इस अवकाश को किसी अन्य अवकाश खाते में डेबिट नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रारूप में इसका पृथक अवकाश खाता समायोजित किया जाएगा तथा सेवा पुस्तिका में इसे पुनः मुद्रित किया जाएगा।
- अवकाश स्वीकृति अधिकारी कार्यालय के सुचारू संचालन अथवा विभागीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विलम्बित आवेदन को अस्वीकृत कर सकते हैं। यह अवकाश एक कैलेण्डर वर्ष में तीन बार से अधिक स्वीकृत नहीं किया जाएगा। एक कैलेण्डर वर्ष में यदि अवकाश दूसरे कैलेण्डर वर्ष में पूरा हो जाता है तो उस अवधि को प्रारम्भिक वर्ष में गिना जाएगा। सामान्यतः यह अवकाश परिवीक्षाधीन प्रशिक्षण अवधि में स्वीकार्य नहीं होगा। विशेष परिस्थितियों में स्वीकृत होने पर परिवीक्षाधीन अवधि को उसी अवधि के लिए बढ़ाया जाएगा। यह अवकाश विशेषाधिकार अवकाश की तरह माना जाएगा तथा उसी रूप में स्वीकृत किया जाएगा। इस अवकाश के पहले अथवा बाद में रविवार एवं अन्य अवकाश जोड़े जाएंगे। बाल देखभाल अवकाश के मध्य में अर्जित रविवार, राजपत्रित एवं अन्य अवकाश की भांति अवकाश की गणना बाल देखभाल अवकाश में की जाएगी। विकलांग बच्चे के संबंध में अवकाश स्वीकृति से पूर्व सक्षम प्राधिकारी/चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण-पत्र के अतिरिक्त महिला कर्मचारी से महिला कार्मिक पर आश्रित होने का प्रमाण-पत्र लिया जाएगा। विदेश में रहने वाले बच्चे की असुविधा अथवा जांच की स्थिति में प्राधिकृत चिकित्सक/शैक्षणिक संस्थान से प्राप्त प्रमाण-पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत किया जा सकेगा। विदेश में रहने वाले विदेशियों की छुट्टी के संबंध में विदेश यात्रा अवकाश के नियमों/निर्देशों का पालन किया जाएगा तथा अवकाश अवधि का 80 प्रतिशत उसी देश में व्यतीत किया जाएगा, जहां बच्चा रह रहा है।
- यदि आप विदेश में छात्रावास या देश में रह रहे बच्चे की परीक्षा के दौरान छुट्टी चाहते हैं, तो महिला कार्मिकों को यह बताना होगा कि वे बच्चे की देखभाल कैसे करेंगी।
- यह अवकाश परिवीक्षाधीनों को देय नहीं होगा। यदि कोई इसे लेता भी है, तो उसका परिवीक्षा काल अवकाश अवधि से पहले बढ़ा दिया जाएगा।
Half pay leave /Commuted leave अर्ध वेतन अवकाश/परिवर्तित अवकाश नियम:-
- चिकित्सा कारणों/व्यक्तिगत कार्य के आधार पर एक वित्तीय वर्ष में कर्मचारी के खाते में 20 अर्ध वेतन अवकाश देय होते हैं। (93 i)
- कर्मचारी अपनी सुविधानुसार इन अर्ध वेतन अवकाशों को अपने परिवर्तित अवकाश में परिवर्तित कर सकते हैं। (93 ii)
- परिवर्तित परिवर्तित अवकाश के दौरान कर्मचारी अपनी सेवा में अधिकतम 480 अर्ध वेतन अवकाश प्राप्त कर सकता है।
- परिवर्तित अवकाश कब स्वीकृत किया जाता है, तब दोगुना अर्ध वेतन अवकाश डेबिट किया जाएगा।
- पूर्ण सेवा के दौरान अधिकतम 180 दिन का अर्ध वेतन अवकाश बिना चिकित्सा प्रमाण पत्र के परिवर्तित किया जा सकता है।
- विशेष मामलों में यदि कर्मचारी के खाते में अर्ध वेतन अवकाश नहीं है, तो कर्मचारी को देय अवकाश का लाभ दिया जा सकता है।
Leave Not Due बकाया अवकाश :-
- जब बकाया अवकाश नहीं होता है और कर्मचारी ने बकाया अवकाश के लिए अनुरोध किया होता है, तो बकाया अवकाश स्वीकृत किया जाता है।
- यह अवकाश भी सामान्यतः चिकित्सा प्रमाण-पत्र पर ही स्वीकृत किया जाता है।
- यह अवकाश तभी स्वीकृत किया जाता है, जब अवकाश स्वीकृत करने वाला प्राधिकारी इस बात से संतुष्ट हो कि अवकाश समाप्त होने पर कर्मचारी के वापस ड्यूटी पर लौटने की उचित संभावना है।
- अवकाश की अवधि, कर्मचारी द्वारा बाद में अर्जित की जाने वाली आधी-वेतन छुट्टी तक ही सीमित होनी चाहिए।
- पूरी सेवा के दौरान बकाया अवकाश अधिकतम 360 दिनों तक सीमित है, जिसमें से एक बार में 90 दिन से अधिक नहीं और कुल 180 दिन चिकित्सा प्रमाण-पत्र के अलावा अन्य आधार पर हो सकते हैं।
- बकाया अवकाश स्वीकृत कर्मचारी यदि सरकारी सेवा से त्यागपत्र दे देता है या उसे ड्यूटी पर वापस आए बिना स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होने की अनुमति दी जाती है, तो बकाया अवकाश रद्द कर दिया जाना चाहिए।
- त्यागपत्र/सेवानिवृत्ति/अवकाश की तिथि से प्रभावी होगा, जिस तिथि को ऐसा अवकाश प्रारंभ हुआ था और अवकाश वेतन की वसूली की जानी चाहिए।
- यदि कोई सरकारी कर्मचारी, जो देय अवकाश न लेकर ड्यूटी पर वापस आता है, किन्तु ऐसा अवकाश अर्जित करने से पहले ही त्यागपत्र दे देता है या सेवानिवृत्त हो जाता है, तो उसे उस सीमा तक अवकाश वेतन वापस करना होगा, जिस सीमा तक अवकाश बाद में अर्जित नहीं किया गया है।
नोट:- यदि सेवानिवृत्ति अस्वस्थता के कारण या मृत्यु की स्थिति में हुई है, तो अवकाश वेतन वसूल नहीं किया जाएगा।
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